सैम पित्रोदा का ओवरसीज कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा : सैम पित्रोदा इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष हैं. उनको ही भारत में सूचना क्रांति का जनक माना जाता है. रंगभेद वाले बयान पर विवाद के बाद सैम पित्रोदा (Sam Pitroda) ने इंडियन ओवरसीज कांग्रेस (Indian Overseas Congress) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. श्री सैम पित्रोदा ने अपनी मर्ज़ी से इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा देने का फ़ैसला किया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने उनका इस्तीफ़ा स्वीकार कर लिया है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने सैम पित्रोदा के पद छोड़ने की जानकारी दी. उन्होंने X पर लिखा- ‘पित्रौदा ने अपनी मर्जी से इस्तीफा दिया है, जिसे स्वीकार कर लिया गया.
सैम पित्रोदा कौन हैं?
सैम पित्रोदा का पूरा नाम सत्यनारायण गंगाराम पित्रोदा है. Sam Pitroda का जन्म ओडिशा के टिटलागढ़ में एक गुजराती बढ़ई परिवार में हुआ था. वह इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष हैं. उनको ही भारत में सूचना क्रांति का जनक माना जाता है. यूपीए सरकार के कार्यकाल में वह तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में वह UN के लिए प्रधानमंत्री का सलाहकार भी रह चुके हैं. वह जन सूचना संरचना और नवप्रवर्तन सलाहकार भी रहे. सैम पित्रोदा एक बिजनेसमैन भी हैं. वह अमेरिका में कई कंपनियां भी चलाते हैं.
सैम पित्रोदा अपने बयानों को लेकर रहते हैं चर्चा में
इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा (Sam Pitroda)अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं. हाल ही में उन्होंने इंहेरिटेन्स टैक्स (Inheritance tax) को लेकर बयान दिया था, जिसे पीएम मोदी (PM Narendra Modi) ने मुद्दा बनाते हुए कांग्रेस (Congress) पर जमकर निशाना साधा था. पित्रोदा का यह बयान सुबह जब बयान सामने आया, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तेलंगाना के वारंगल में सभा कर रहे थे।
सैम पित्रोदा ने जून 2023 में कहा था कि मंदिरों से देश की बेरोजगारी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी दिक्कतों का समाधान नहीं होगा, इन मुद्दों पर कोई बात नहीं करता. हर कोई राम और हनुमान मंदिर की बातें करता है. उन्होंने ये कहकर राजनीतिक भूचाल ला दिया था कि मंदिर निर्माण से आपको रोजगार नहीं मिलेगा.
साल 2019 में सैम पित्रोदा ने कहा था कि मेडिकल क्लास को स्वार्थी नहीं बनना चाहिए. उनको कांग्रेस की प्रस्तावित न्याय योजना की फंडिंग के लिए ज्यादा से ज्यादा टैक्स देने के लिए तैयार रहना चाहिए. उन्होंने कहा था कि टैक्स का बोझ बढ़ने से मिडिल क्लास को स्वार्थी बनीं बनना चाहिए. उनके इस बयान पर काफी बवाल हुआ था.
उन्होंने कहा, “जहां पूर्व के लोग चीनी जैसे दिखते हैं. पश्चिम के लोग अरब जैसे. उत्तर के लोग गोरे और दक्षिण के लोग अफ्रीका जैसे दिखते हैं.
कांग्रेस मुकरा इस बयान से
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, “हम एक लोकतांत्रिक देश में रहते हैं. यहां सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है. लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि पित्रोदा के विचार हमेशा कांग्रेस की राय से मेल खाते हों.” राहुल गांधी ने भी पित्रोदा के बयान से खुद को अलग कर लिया था.
जयराम रमेश ने कहा, “सैम पित्रोदा ने भारत की विविधताओं की जो उपमाएं दी हैं, वह गलत और अस्वीकार्य है. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इन उपमाओं से अपने आप को पूर्ण रूप से अलग करती है. “कांग्रेस ने कहा कि भारत की विविधता की ये परिभाषा मंजूर नहीं है। यह गलत है। इससे पहले उन्होंने विरासत टैक्स का मुद्दा उठाया था, जिससे राहुल ने किनारा कर लिया था।
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