डाकू वीरप्पन की बेटी विद्या वीरप्पन सुर्खियों में हे क्योंकि 2024 लोकसभा चुनाव का एलान हो गया हे सभी राजनीतिक दल अपने – आपने दल के उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर रहे हे , इसी बीच एक चौकाने वाला नाम कुख्यात चंदन के तस्कर और डाकू, वीरप्पन का जिसकी बेटी विद्या रानी जो लोकसभा का चुनाव लडने जा रही हे |
विद्या रानी ने कहा था की उनके पिता लोगो की भलाई करना चाहते थे लेकिन उन्होंने जो तरीका चुना वो गलत था लेकिन उनका उद्देश्य केवल और केवल उनके क्षेत्र का विकाश करना ही था | वो भी लोगो की सेवा के उद्देश्य से ही चुनाव लडने आई हे , बता दे की विद्या रानी पेशे से एक वकील हे वो हमेशा से ही आदिवासी दलितों के भलाई के लिए काम करती रही हे |
डाकू वीरप्पन की बेटी विद्या वीरप्पन की राजनीतिक शुरुवात
विद्या रानी ने शनिवार को एक संवाद के दौरान कहा की वो तमिलनाडु के कृष्णागिरी निर्वाचन क्षेत्र से आगामी लोकसभा चुनाव लडेगी , यह बात गौर करने वाली ही की कुछ दिन पहले ही उन्होंने BJP से इस्तीफा दिया था , विद्या रानी BJP में 2020 में एंट्री ले थी बहुत ही जल्द उन्हें पिछड़ा मोर्चा का उपाध्यक्ष भी बना दिया गया लेकिन हाल ही में उन्होंने BJP से इस्तीफा दे दिया और NTK में शामिल हो गई और अब विद्यारानी नाम तामिलरकाची (NTK) की टिकट पर चुनाव लड़ेंगी | पहले लगा था की वो BJP से चुनाव लड़ेंगी लेकिन उन्होंने मोका देख दल बदल लिया और अब वो NTK की टिकट पर चुनाव लड़ेंगी |
विद्या रानी कृष्णागिरी इलाके में बच्चो के लिए स्कूल चलती हे , दलितों आदिवासियों के लिए काम करती हे इस तरह से समाज कल्याण का काम करती हे | और साथ ही विद्या रानी पेशे से एक वकील भी हे उन्होंने ववी पुरम लॉ कॉलेज से वकालत की हे|
डाकू वीरप्पन को मानती हे अपना आदर्श
मशहूर चंदन तस्कर वीरप्पन को अपना आदर्श मानने के कारण सुर्खियों में हे | उन्होंने बताया की किस प्रकार से उनके पिता सदैव से ही दलितों के लिए लड़ाई लड़ते रहे हे समाज में उनकी छवि बनाने के लिए संघर्ष करते रहे हे बस उनका रास्ता गलत था |
कहा जा रहा हे की BJP उम्मीदवार की तगड़ा सियासी टक्कर भी दे सकती हे क्योंकि वो उस निर्वाचन क्षेत्र के उत्थान के लिए सदैव से ही कार्यरत रहने के साथ ही सभी के साथ मित्रवत संबंध स्थापित कर ली हे जो बीजेपी के लिए के चुनौती हो सकती हे , अपने पिता का चित्र उस क्षेत्र में जननायक के रूप में चित्रित करने के कारण उसे और क्षेत्र में थोड़ी शियाशी गरमा गर्म का सामना भी करना पड़ सकता हे|
डाकू वीरप्पन क्यों हे चर्चा में
उनके पिता वीरप्पन 2004 में तमिलनाडु के स्पेशल टास्क फोर्स के साथ मुठभेड़ में मारे गए थे , विद्या रानी अपने पिता से केवल एक बार ही मिली हे, वे अपने नाना के घर पर रहती थी और वही पर उनकी मुलाकात उनके पिता वीरप्पन से हुई थी उस समय वो तीसरी कक्षा में पढ़ती थी|
विद्या रानी को RSS और जनजाति कल्याण आश्रम ने गोद लिया था वही पर रह कर उन्होंने अपनी सुरुवति पढ़ाई पूरी की, विद्या रानी सुरु से ही अपने पिता को आदर्श मानती थी , उन्होंने अपने बयान में कहा था की ” मेरे पिता हमेशा गरीबों के बारे में सोचते हे लेकिन उनका रास्ता गलत था ” और यह भी कहा की उनका राजनीति में लोगो की सेवा के लिए ही आ रही हे| https://youtu.be/mcPmjUjiXkU?si=1ntfhOVQT5r7bgqi
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